तेरहवीं पूजन हिंदू परंपरा में एक महत्वपूर्ण संस्कार है, जो मृत्यु के तेरहवें दिन आयोजित किया जाता है। इसका उद्देश्य दिवंगत आत्मा की शांति और मोक्ष प्राप्ति की कामना करना है। इस दिन विशेष पूजा, हवन, और भोज का आयोजन किया जाता है, जिसमें पंडितों और रिश्तेदारों को आमंत्रित किया जाता है। यह अनुष्ठान परिवार के आध्यात्मिक और सामाजिक दायित्वों को पूरा करने का प्रतीक है। तेरहवीं पूजा के माध्यम से न केवल आत्मा को मोक्ष की ओर अग्रसर किया जाता है, बल्कि परिवार में सकारात्मक ऊर्जा और शांति की स्थापना भी की जाती है।