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एलुरु अपने ऊनी कालीन उद्योग, बौद्ध पुरातात्विक स्थलों, कोल्लेरु झील और वेंगी राजवंश की सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है।
एलुरु – ऐतिहासिक गहराई और हस्तकला से भरपूर कालीन नगरी
एलुरु पश्चिम गोदावरी जिले का मुख्यालय है, जिसका इतिहास प्राचीन वेंगी साम्राज्य और सातवाहन युग से जुड़ा हुआ है। यह शहर गुंटुपल्ली जैसे बौद्ध गुफाओं के कारण पुरातात्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। एलुरु पूरे भारत में अपने सुंदर हथकरघा ऊनी कालीनों के लिए जाना जाता है, जिन्हें हाथ से बुना जाता है और जिन्हें GI टैग भी प्राप्त है। शहर के पास स्थित है कोल्लेरु झील, जो एशिया की सबसे बड़ी मीठे पानी की झीलों में से एक है और प्रवासी पक्षियों का निवास स्थान है। गोदावरी की सिंचाई नहरों से घिरा यह क्षेत्र प्राकृतिक हरियाली और शांति से भरपूर है।
टिप्स विवरण
- भाषा तेलुगु, हिंदी, अंग्रेजी।
- मुद्रा भारतीय रुपया (INR)।
- आपातकालीन नंबर पुलिस: 100, एंबुलेंस: 102, फायर: 101।
घूमने योग्य स्थान
- गुंटुपल्ली गुफाएं देखें प्राचीन बौद्ध गुफाएं और स्तूप।
- कालीन बुनाई का अनुभव लें हाथ से बने एलुरु के प्रसिद्ध ऊनी कालीनों को बनते हुए देखें।
- कोल्लेरु झील पर जाएं बोटिंग और पक्षी अवलोकन के लिए आदर्श।
- नहरों के किनारे टहलें शहर की हरियाली और जल पर आधारित जीवनशैली का अनुभव करें।
- एलुरु आश्रम जाएं शहर में स्थित एक शांत आध्यात्मिक स्थल।
एलुरु कैसे पहुँचें?
- हवाई मार्ग से निकटतम हवाई अड्डा विजयवाड़ा (लगभग 40 किमी दूर)।
- रेल मार्ग से एलुरु रेलवे स्टेशन हावड़ा-चेन्नई मुख्य मार्ग पर स्थित है।
- सड़क मार्ग से NH-16 के माध्यम से विजयवाड़ा, राजमुंदरी आदि से बस सेवाएं उपलब्ध हैं।
निष्कर्ष
एलुरु एक सांस्कृतिक, कारीगरी और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर शहर है। बौद्ध धरोहर से लेकर हस्तकला और शांत झीलों तक, यह आंध्र प्रदेश का एक आकर्षक गंतव्य है।