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महास्थानगढ़ के अवशेष, नवाब पैलेस, बोगुरा दही, करतोआ नदी और पारंपरिक हस्तशिल्प के लिए प्रसिद्ध है।
बोगुरा: प्राचीन पुंड्रवर्धन का द्वार
बोगुरा को अक्सर "उत्तर बंगाल का प्रवेश द्वार" कहा जाता है। यह बांग्लादेश के सबसे पुराने नगर स्थलों में से एक, महास्थानगढ़ का घर है, जिसकी उत्पत्ति तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से मानी जाती है। बोगुरा पारंपरिक कुम्हारी, टेराकोटा कला और हथकरघा बुनाई के लिए भी जाना जाता है। यहाँ का प्रसिद्ध "बोगुरा दही" स्वादिष्ट और मलाईदार होता है। करतोआ नदी के किनारे शांति का अनुभव मिलता है। ऐतिहासिक धरोहरों, शिक्षण संस्थानों और स्थानीय आतिथ्य के कारण यह शहर यात्रियों को बहुत आकर्षित करता है।
टिप्स विवरण
- भाषा बांग्ला (बंगाली), अंग्रेज़ी।
- मुद्रा बांग्लादेशी टका (BDT)।
- स्थानीय आपातकालीन नंबर 999 (पुलिस, फायर, एम्बुलेंस)।
शहर में क्या करें ?
- महास्थानगढ़ जाएँ प्राचीन खंडहरों की सैर करें।
- नवाब पैलेस देखें मुग़ल और औपनिवेशिक वास्तुकला का अनुभव लें।
- बोगुरा दही का स्वाद लें प्रसिद्ध पारंपरिक दही का आनंद लें।
- स्थानीय हस्तशिल्प खरीदें मिट्टी के बर्तन और कपड़े खरीदें।
- करतोआ नदी के किनारे टहलें शांत वातावरण का अनुभव करें।
बोगुरा कैसे पहुँचें ?
- हवाई मार्ग से निकटतम हवाई अड्डे सईदपुर या राजशाही में हैं, वहाँ से सड़क मार्ग द्वारा।
- रेल मार्ग से बोगुरा रेलवे स्टेशन से ढाका, राजशाही जैसे प्रमुख शहरों से कनेक्टिविटी है।
- सड़क मार्ग से ढाका से बस या निजी वाहन से लगभग 5-6 घंटे का रास्ता।
निष्कर्ष
बोगुरा एक ऐसा शहर है जहाँ प्राचीन इतिहास, पारंपरिक कारीगरी और सांस्कृतिक गर्मजोशी का संगम मिलता है। यह बांग्लादेश की विरासत को करीब से जानने का एक शानदार अवसर देता है।