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पारसनाथ पर्वत (शिखरजी), जैन मंदिर, उसरी जलप्रपात, कोयला खदानें, प्रकृति की गोद।
गिरिडीह – पहाड़ों और आध्यात्म का संगम
गिरिडीह का अर्थ है 'पहाड़ों की भूमि', और यह नाम इसे पूर्ण रूप से परिभाषित करता है। झारखंड के उत्तर में स्थित यह शहर पारसनाथ पहाड़ियों की तलहटी में बसा है, जो जैन धर्म का पवित्र तीर्थस्थल शिखरजी के नाम से प्रसिद्ध है। यहाँ की हरियाली, जलप्रपात और प्राकृतिक सौंदर्य इसे झारखंड का छुपा हुआ रत्न बनाते हैं।
टिप्स विवरण
- भाषा हिंदी, अंग्रेज़ी, बंगाली।
- मुद्रा भारतीय रुपया (INR)।
- आपातकालीन नंबर पुलिस – 100, फायर – 101, एंबुलेंस – 102, पर्यटक हेल्पलाइन – 1800-111-363।
शहर में करने योग्य कार्य
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पारसनाथ पहाड़ियों की यात्रा करें (शिखरजी) यह जैन धर्म का प्रमुख तीर्थस्थल है, जहाँ पर लगभग 20 मंदिर पर्वत पर स्थित हैं।
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उसरी जलप्रपात देखें प्राकृतिक हरियाली से घिरा हुआ यह जलप्रपात पिकनिक और फोटोग्राफी के लिए बेहतरीन स्थान है।
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खंडोली डैम और पार्क की सैर करें यह स्थान बोटिंग, बर्ड वॉचिंग और जलक्रीड़ाओं के लिए जाना जाता है।
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मधुबन के जैन मंदिरों में जाएँ पारसनाथ पहाड़ी की तलहटी में स्थित ये मंदिर दोनों संप्रदायों के लिए पवित्र हैं।
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पर्वतीय वन क्षेत्रों में पैदल यात्रा करें प्राकृतिक शांति का अनुभव और सैर के लिए उत्तम स्थान।
गिरिडीह कैसे पहुँचे?
- हवाई मार्ग से निकटतम हवाई अड्डा देवघर (~105 किमी) और रांची (~190 किमी)।
- रेल मार्ग से गिरिडीह स्टेशन से स्थानीय ट्रेनें उपलब्ध हैं; प्रमुख ट्रेनों के लिए पारसनाथ स्टेशन (~48 किमी)।
- सड़क मार्ग से हज़ारीबाग, धनबाद और रांची से अच्छी सड़क कनेक्टिविटी।
निष्कर्ष
गिरिडीह प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिकता का अद्भुत संगम है। यह शांत वातावरण और आध्यात्मिक ऊर्जा के लिए आदर्श पर्यटन स्थल है।