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देवी बर्गाभिमा मंदिर, प्राचीन तम्रलिप्त बंदरगाह, पुरातात्विक अवशेष, और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।
तमलुक एक ऐतिहासिक नगर जो प्राचीन सभ्यता से जुड़ा है
तमलुक, जिसे प्राचीन समय में तम्रलिप्त कहा जाता था, एक प्रसिद्ध समुद्री बंदरगाह था। यह शहर व्यापार, धर्म और संस्कृति का केंद्र रहा है। तमलुक की सबसे बड़ी पहचान बर्गाभिमा मंदिर से है, जिसे शक्ति पीठों में गिना जाता है। यहां कई पुरातात्विक स्थल भी हैं जो इसके समृद्ध इतिहास को दर्शाते हैं। यह शहर शांत वातावरण और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है।
टिप्स विवरण
- भाषा बं गाली, हिंदी, अंग्रेज़ी।
- मुद्रा भारतीय रुपया (INR)।
- स्थानीय आपातकालीन नंबर 100 (पुलिस), 101 (फायर), 102/108 (एम्बुलेंस)।
शहर में करने योग्य चीज़ें
- बर्गाभिमा मंदिर दर्शन करें यह शक्ति पीठ देवी दुर्गा को समर्पित है और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- तम्रलिप्त पुरातात्विक स्थल देखें प्रा चीन बंदरगाह और इतिहास की झलकियों को देखने के लिए आदर्श स्थान।
- तमलुक राजबाड़ी भ्रमण करें य ह महल बंगाल के मध्यकालीन राजघरानों की याद दिलाता है।
- रूपनारायण नदी के किनारे समय बिताएं प्राकृ तिक सौंदर्य और शांति के लिए यह स्थान उपयुक्त है।
- स्थानीय हस्तशिल्प की खरीदारी करें टे राकोटा, हथकरघा और पारंपरिक बंगाली मिठाइयों की खरीदारी करें।
तमलुक कैसे पहुँचें ?
- हवाई मार्ग से नि कट तम हवाई अड्डा कोलकाता का नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (लगभग 85 किमी दूर)।
- रेल मार्ग से त मलुक रेलवे स्टेशन हावड़ा, दीघा और अन्य शहरों से जुड़ा हुआ है।
- सड़क मार्ग से कोल काता, हल्दिया और आसपास के क्षेत्रों से बसें और टैक्सी उपलब्ध हैं।
निष्कर्ष
तमलुक एक ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से समृद्ध शहर है। इसके मंदिर, प्राचीन खंडहर और शांत वातावरण यात्रियों को एक विशेष अनुभव प्रदान करते हैं।